गुरुवार, 2 जुलाई 2009

दो शब्द

हाँ मैं वहीँ अंशु सक्सेना हूँ जिसपर २४ अगस्त १९८७ को तेजाब डालकर आधा चेहरा नष्ट कर दिया गया था। काफी इलाज के बाद अब मैं कुछ ठीक हूँ। मेरी शादी १९९६ में एक वायू सैनिक से हुई। अभी ये २० साल सर्विस के बाद अवकाश ले लिया है। और अब एस बी आई में कार्यारत हैं। मेरा एक बेटा भी है, कंप्यूटर में इतना माहिर की मुझे सिखा दे, पढ़ाई में भी अच्छा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें